नियमितीकरण सहित अन्य लंबित मांगों पूर्ण करने बैतूल जिले के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बुधवार को एक दिवसीय अवकाश लेकर जिला मुख्यालय के ऑडिटोरियम से वादा खिलाफी रैली निकाली। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की रैली कलेक्ट्रेट पहुंची, इस दौरान मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
मध्य प्रदेश के 32 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे
ज्ञापन के माध्यम से संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष डॉ.गोविंद साहू ने बताया कि नियमितीकरण तक संविदा नीति 2023 पूर्ण रूप से लागू किए जाने एवं निष्कासित आउटसोर्स कर्मचारियों की वापसी को लेकर जिले के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी आंदोलन की राह पर है। मांगों को पूर्ण किए जाने शासन- प्रशासन का ध्यान आकर्षण किया गया, लेकिन आज पर्यंत तक मांगों को पूर्ण नहीं किया गया है इससे कर्मचारियों में रोष प्राप्त है। जिला अध्यक्ष डॉक्टर साहू ने बताया कि यदि 5 दिनों में संघ की मांगों को पूर्ण नहीं किया गया, तो प्रदेश के 32 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी 22 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
वादा खिलाफी रैली योगेंद्र दवंडे के नेतृत्व में निकाली गई। इस अवसर पर ब्लॉक अध्यक्ष सेहरा एकनाथ ठाकुर, मुलताई ब्लॉक अध्यक्ष पंकज कसेरा, शाहपुर ब्लॉक अध्यक्ष बलदेव नागले, घोड़ाडोंगरी ब्लॉक अध्यक्ष डॉ. पुरुषोत्तम सरेआम, आमला ब्लॉक अध्यक्ष डॉ दिनेश सोनी, डॉ.सरबजीत पूरे, भीमपुर ब्लॉक से डॉ. औचित्य पांडे एवं भारतीय मजदूर संघ की ओर से विभाग प्रमुख विनय डोंगरे, राजेश मंसूरिया एवं संविदा महासंघ के ऋषभ जैन, डॉ.जयश्री अड़लक, सीएचओ अनीता मालवीय सहित अन्य संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने रैली में सहभागिता की।
तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की थी घोषणा
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत 20 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत लगभग 32 हजार कर्मचारी प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से देते आ रहे हैं। कोरोना काल जैसे गंभीर महामारी में भी अपने परिवार एवं जीवन की परवाह किए बगैर सेवाएं दी है। इन्हीं सेवा-भाव को दृष्टिगत रखते हुए तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 4 जुलाई 2023 को भोपाल में महापंचायत बुलाकर संविदा कर्मचारियों के लिए अनेक घोषणाएं की थी। जिसके परिपालन में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 23 जुलाई 2023 को संविदा कर्मचारियों के लिए एक नीति की सौगात दी गई, परन्तु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल के द्वारा संविदा कर्मचारियों को दी गई सुविधाओं में कटौती की गई है।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की यह है मांग
विभाग में रिक्त पदों पर संविलियन किया जाकर, नियमित किया जाए। पूर्व से दी जा रही सुविधाओं में ईएल एवं मेडिकल को पृथक कर दिया है। अनुबंध प्रथा को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया गया है। अप्रेजल जैसी कुरीति को यथावत रखा गया है। सेवा निवृत्ति की आयु में 65 वर्ष से घटाकर 62 वर्ष किया गया है। एनपीएस, ग्रेच्युटी, स्वास्थ्य बीमा एवं डीए की सुविधा से वंचित रखा गया है। शासन द्वारा समकक्षता वेतन विसंगति का निर्धारण गलत तरीके से किया गया
है, जिसमें पुनः विचार कर संशोधन किया जाए। निष्कासित सपोर्ट स्टॉफ एवं मलेरिया एमपीडब्ल्यू की एनएचएम में वापसी की जाए।
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