मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक लड़के ने ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न के अकाउंट में लगभग 13 लाख रुपये जमा किए। इसके बदले में उसने 14 सोने के सिक्कों के लिए ऑर्डर दिया, फिर अपने जमा किए हुए 13 लाख रुपये वापस ले लिए और गायब हो गया। अब कोलार पुलिस उसे ढूंढ रही है, लेकिन पुलिस के पास इस कहानी के अलावा कुछ नहीं है- न तो लड़के का असली नाम और न ही कोई फोटो।
सिर्फ ₹500 में अमेजॉन का सिक्योरिटी सिस्टम ब्रेक हो गया
कहानी कुछ इस प्रकार है कि भोपाल के एक लड़के ने ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेज़न पर विजय के नाम से अकाउंट बनाया। फिर उसने एक के बाद एक, दो ऑर्डर दिए। पहले ऑर्डर में छह और दूसरे ऑर्डर में आठ सोने के सिक्के खरीदे। इसके लिए उसने पेमेंट भी किया। डिलीवरी का पता अलग-अलग था। कंपनी ने दोनों पतों पर सोने के सिक्के भेज दिए। लड़के ने डिलीवरी बॉय को 500 रुपये की रिश्वत दी, दोनों ऑर्डर से सोने के सिक्के निकाले और बॉक्स को वापस डिलीवरी बॉय को दे दिया। डिलीवरी बॉय ने कंपनी को बताया कि निर्धारित पते पर विजय नहीं मिला। इस प्रकार ऑर्डर वापस चला गया।
इधर, विजय ने इसके लिए अपने पैसे वापस मांगे। कंपनी ने ऑनलाइन चेक किया और पैसे वापस कर दिए। जब कंपनी ने बॉक्स खोलकर देखे, तो दोनों बॉक्स खाली थे। इस तरह एक अज्ञात लड़के ने अमेज़न की सिस्टम की गलती का फायदा उठाकर सिर्फ चार दिनों में अपने पैसे दोगुने कर लिए।
अमेजॉन के सिस्टम में गलती के कारण लड़के अपराधी बन रहे हैं
अमेज़न कंपनी ने विजय के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया है, लेकिन दोनों पते फर्जी हैं। पुलिस को यह भी नहीं पता कि उसका असली नाम क्या है। उसने ऐसी जगह पर डिलीवरी ली, जहाँ कोई सीसीटीवी कैमरा भी नहीं है। इसलिए पुलिस के पास उसका कोई फोटो भी नहीं है। हालाँकि, पुलिस के पास ऐसी तकनीक है कि वह इस नटवरलाल को पकड़ लेगी, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि लाखों का ऑर्डर करने वाले ग्राहकों की भी केवाईसी नहीं करवाई जाती। ऑनलाइन डिलीवरी सिस्टम इतना घटिया है कि हर साल ई-कॉमर्स कंपनियों को करोड़ों रुपये का नुकसान होता है। इसके बावजूद सिस्टम को दुरुस्त नहीं किया जा रहा है। इसके कारण लड़कों को अपराध करने का मौका मिलता है। कई लड़के-लड़कियाँ लालच में आकर अपराधी बन जाते हैं और उनका करियर खराब हो जाता है।
यहां याद दिलाना जरूरी है कि, भारतीय समाज में पुलिस की स्थापना अपराधियों को पकड़ने के लिए नहीं बल्कि समाज में अपराध को होने से रोकने के लिए की गई है। सिस्टम को इतना मजबूत होना चाहिए कि कोई भी अपराध ही ना कर पाए। जितना जरूरी लोगों को कानून के प्रति जागरूक करना है उतना ही जरूरी सिस्टम को मजबूत करना भी है। लोगों को अपराध का मौका देना, अपराध के लिए प्रेरित करने जैसा है। भारतीय न्याय संहिता में, किसी को अपराध के लिए प्रेरित करना भी अपराध है। पुलिस को चाहिए कि वह चोर को पड़े लेकिन सरकार को यह भी बताए कि अमेजॉन जैसी कंपनियों ने कुछ ताले खुले छोड़ दिए हैं। ऐसी कंपनियों के लिए KYC अनिवार्य की जाए।
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