कभी-कभी किसी आपराधिक मामले में Investigation Officer गलती से या जानबूझकर किसी गवाह का नाम एवं उसका बयान अपनी Investigation Report में शामिल नहीं करता और मामले को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर देता है। सवाल यह है कि क्या ऐसी स्थिति में वह गवाह सीधे मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत होकर गवाही दे सकता है?
Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 Definition of Section 190
"Complaint and witnesses not to be required to accompany police officer and not to be subjected to restraint,"
"परिवादी और साक्षियों से पुलिस अधिकारी के साथ जाने की अपेक्षा न की जाना और उनका अवरुद्ध न करना,"
साधारण शब्दों में कहें तो कोई भी शिकायतकर्ता या साक्षी को पुलिस अधिकारी किसी अपराध की शिकायत करने के लिए रोक नहीं सकता है। वह अपनी इच्छा अनुसार मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश हो सकता है एवं गवाह भी अपनी स्वयं की इच्छा से मजिस्ट्रेट को गवाही दे सकता है। इसके लिए पुलिस अधिकारी किसी भी प्रकार की रोक नहीं लगा सकता है।
लेकिन अगर कोई व्यक्ति जो समझौता अपराध में Bail Bond द्वारा छोड़ा गया है, तब ऐसे परिवादी या साक्षियों को Bond की शर्तों के अनुसार हाजिर होना होगा, न कि स्वयं विवेक पर। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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