Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 की धारा 211 में बताया है कि कोई भी आरोपी अपने अपराध का Trial या Inquiry किसी Other magistrate' से करवा सकता है, सवाल यह है कि क्या Chief judicial magistrate कभी भी आरोपी के कहने पर मामले को Other court को सौप देगा अगर हाँ तो कैसे? जानते हैं।
Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 की धारा 212 की परिभाषा
मामले मजिस्ट्रेट के हवाले करना, (Making over of cases to Magistrate) - कोई भी Chief judicial magistrate के पास मजिस्ट्रेट के पास परिवाद द्वारा कोई अपराधी का मामला सुना जाता है तब वह Judicial magistrate आरोपी के आवेदन पर उसके मामले को उसके अनुसार Other judicial magistrate के पास भेज सकता है।
अगर Chief judicial magistrate ने किसी First class के Magistrate को सशक्त किया है तब ऐसे Magistrate अपराध का संज्ञान (Attention) लेने से पूर्व में बिना Chief judicial magistrate के स्वयं मामले को Other court भेज सकता है उसे Chief judicial magistrate की सारी शक्ति (Power) प्राप्त होगी।
नोट:- Madras High Court ने यह अभिनिर्धारित किया कि यदि कार्यवाही Inquiry या Trial की अवस्था तक पहुंच गयी हैं तो इस अवस्था में अन्तरण(Transfer) सम्भव नहीं होगा। अर्थात किसी Chief judicial magistrate द्वारा कोई अपराध कगई Trial या Inquiry शुरू हो गई हो। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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