कई अपराध ऐसे होते हैं, जो एक स्थान पर घटित होते हैं और उनका परिणाम कहीं और सामने आता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति मजदूरी करने दिल्ली आता है और वहाँ कोई आरोपी उसे गंभीर चोट (Serious Injury) पहुँचाता है, फिर उस व्यक्ति को परिवार वाले उपचार (Treatment) के लिए भोपाल ले जाते हैं, जहाँ वह गंभीर चोट के कारण मर जाता है। ऐसे में इस मामले की सुनवाई (Trial) का अधिकार किस कोर्ट को होगा? आइए जानें इसका जवाब।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 199 की परिभाषा:
अपराध वहाँ विचारणीय होगा, जहाँ कार्य किया गया था या जहाँ परिणाम सामने आया। (Offence triable where act is done or consequence ensues.)
जब कोई आरोपी (Accused) द्वारा पहला अपराध (First Offense) किसी स्थानीय अधिकारिता वाले कोर्ट के अधीन किया जाता है और उस अपराध का परिणाम किसी अन्य क्षेत्र की अधिकारिता वाले कोर्ट में सामने आता है, तब दोनों में से कोई भी कोर्ट उस अपराध की सुनवाई (Trial) और जाँच (Inquiry) कर सकता है।
अर्थात, मृतक (Deceased) के परिवार वाले दिल्ली में हुई गंभीर चोट (Serious Injury) से संबंधित अपराध की सुनवाई (Trial) और जाँच (Inquiry) भोपाल के कोर्ट की अधिकारिता क्षेत्र में करवा सकते हैं। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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