Cryptocurrency King Chun Wang के नाम एक नया रिकॉर्ड दर्ज हो गया है। वह पृथ्वी के पहले इंसान बन गए हैं जिसने अंतरिक्ष में जाकर पृथ्वी के दोनों ध्रुवीय क्षेत्र (Polar Regions) की परिक्रमा की और सुरक्षित वापस आ गए। इसके लिए उन्होंने एलोन मस्क की कंपनी SpaceX की स्पेस फ्लाइट का उपयोग किया।
एक बार फिर अंतरिक्ष में पर्यटन शुरू
आपको याद होगा भारतीय कथाओं में भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने कैलाश पर्वत से उड़ान भरकर पृथ्वी की सात परिक्रमा की थी। प्राचीन भारत की कहानियों में अंतरिक्ष में पर्यटन के कई प्रसंग मिलते हैं। तब विदेशी वैज्ञानिक और विदेशी धर्म के स्कॉलर्स द्वारा इसे असंभव और काल्पनिक बताया गया था। आज यह इतना आसान है कि 31 मार्च को उड़ान भरी और 5 अप्रैल को वापस आ गए। अंतरिक्ष में कारोबार करने वाली कंपनी SpaceX ने इसे अंतरिक्ष पर्यटक बताया है। यानी अब आप वीकेंड पर नॉर्थ पोल या साउथ पोल तक पर्यटन के लिए जा सकते हैं। यदि छुट्टियां लंबी है तो फिर चांद तक भी जा सकते हैं। अगला पेज पढ़िए...
General knowledge about first-ever human spaceflight mission
इस मिशन का नाम Fram2 रखा गया था। सोमवार की शाम को फ्लोरिडा के Kennedy Space Center से मिशन लॉन्च हुआ। अंतरिक्ष यान का नाम Crew Dragon Resilience था। अंग्रेजी भाषा में लिखे गए मानव इतिहास में यह पहली घटना है जब कोई मिशन अंतरिक्ष में Polar orbit route पर उड़ान भर रहा था। Falcon 9 रॉकेट और Resilience कैप्सूल की लॉन्चिंग सोमवार, 31 मार्च को रात 9:46 बजे (EDT) हुई। शुक्रवार को कैलिफ़ोर्निया के तट के पास प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) में Splashed Down कर वापस लौटे। अगला पेज पढ़िए...
Chun Wang कौन है
चुन वांग मूल रूप से चीन के रहने वाले हैं और क्रिप्टोकरंसी का कारोबार करते हैं। 2013 में इन्होंने चीन की पहली बिटकॉइन माइनिंग F2Pool की स्थापना की थी। बाद में इन्होंने चीन की नागरिकता छोड़ दी। 2023 से चुन वांग माल्टा और सेंट किट्स एंड नेविस के नागरिक हैं। अगला पेज पढ़िए...
कार्तिकेय की मोर का अनुसंधान अभी भी बाकी है
इस मिशन को सफल बताया जा रहा है क्योंकि इसने सफलतापूर्वक उड़ान भरी और अंतरिक्ष यान में सवार मनुष्य पृथ्वी पर जीवित वापस आ गए हैं लेकिन अंतरिक्ष यान की सफल लैंडिंग नहीं हुई है। यात्रियों ने समुद्र में Splashed Down किया है। भारतीय कथाओं में भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय के पास एक ऐसा वाहन था, जो सफलतापूर्वक पृथ्वी पर वापस लैंड करता था। अर्थात अभी पृथ्वी के वैज्ञानिकों को कुछ और भी बनाने की जरूरत है, और भारतीय वैज्ञानिकों को यह समझने की जरूरत है कि जिन कथाओं को उन्होंने सिर्फ एक कहानी समझा, अमेरिका के वैज्ञानिक उन्हें सच साबित कर रहे हैं। अंतरिक्ष के मामलों में पिछले 7000 वर्षों में भारत ने 1% विकास नहीं किया।
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