DHRUV RATHEE, धिक्कार है तुम पर, तुम्हें ब्रेनवॉश किया जा चुका है - खुला-खत

प्रिय ध्रुव राठी
, अब तक तुमने बहुत सारी गलतियाँ कीं, लेकिन हमेशा नजरअंदाज किया क्योंकि तुम एक युवा हो, अच्छे कहानीकार हो, अपने वीडियो में नैतिक मूल्यों की बात किया करते थे। उम्मीद थी कि समय के साथ तुम्हारा भी बौद्धिक विकास होगा। और एक दिन ऐसा आएगा तब तुम विषय को पूरी तरह से रख पाओगे। इसलिए हमेशा तुम्हारी प्रशंसा की। तुम्हारी गलतियों को नजरअंदाज किया। 

ध्रुव राठी, चुनाव के समय भी तुम निष्पक्ष नहीं थे परंतु नजरअंदाज किया

चुनाव के समय तुमने पॉलिटिक्स शुरू कर दी। मैंने सोचा चुनाव का समय है। माहौल बन जाता है। सब लोग अपना एक पॉलिटिकल ओपिनियन बनाते हैं। तुमने भी अपना ओपिनियन बनाया है। उसके हिसाब से ही डेटा कलेक्ट किया और उसके हिसाब से ही प्रेजेंटेशन भी किया। तुमने जो किया, वह सही था या गलत, इस पर बात नहीं करेंगे, लेकिन तुम्हारा प्रस्तुतीकरण प्रभावित करने वाला था। यह भी एक विशेष गुण होता है, जब कोई व्यक्ति बड़ी चतुराई के साथ कुछ बिंदुओं को छुपाते हुए और कुछ बिंदुओं पर विशेष प्रकाश डालने में सफल हो जाता है। 

DHRUV RATHEE, तुम्हारी प्रशंसा की क्योंकि तुम भारत की बात करते थे

तुम भारतीय नागरिक हो, परंतु भारत में नहीं रहते, इसलिए भारत की समस्याओं और भारत की सामाजिक व्यवस्थाओं को ठीक प्रकार से नहीं जानते। वैसे भी भारत इतना बड़ा राष्ट्र है कि हरियाणा में रहकर शेष पूरे देश की सामाजिक व्यवस्थाओं को समझ पाना असंभव है। भारत को समझने के लिए भारत की यात्रा करनी होती है, जैसे महात्मा गांधी ने की थी। लेकिन फिर भी तुम्हारी प्रशंसा करते थे, क्योंकि भारत के बाहर रहते हुए भी तुम भारत की चिंता तो करते थे। 

ध्रुव राठी, पहलगाम पर तुम्हारे ऐसे वीडियो की उम्मीद नहीं थी

परंतु आज तुम्हारे अस्तित्व के होने पर शर्म आती है। मेरा हृदय तुम्हें धिक्कार करता है। पहलगाम के मामले में मुझे पूरी उम्मीद थी कि तुम वह बात करोगे, जो पूरा भारत कर रहा है। पहलगाम की घटना के तुरंत बाद तुम्हारा वीडियो आ जाना चाहिए था, लेकिन तुम किसी कंपनी का प्रचार कर रहे थे। आज इतने दिनों बाद, जब तुम्हारा वीडियो आया, तो खुद को यह पत्र लिखने से रोक नहीं पाया। कोई इतना निकृष्ट कैसे हो सकता है और खास तौर पर ध्रुव राठी इतना घटिया कैसे हो सकता है। 

DHRUV RATHEE, तुम्हें क्या लगता है, तुम्हारे फॉलोअर्स बेवकूफ हैं?

तुमने अपने वीडियो में पहलगाम की घटना का सिर्फ जिक्र किया और उसके बाद पूरा वीडियो पॉलिटिक्स से भरा हुआ है। जब भारत की सभी पॉलिटिकल पार्टियाँ और भारत के सभी नागरिक भारत सरकार के साथ खड़े हैं, सब ने कहा कि अपनी समीक्षा बाद में करेंगे, पहले कार्रवाई करनी चाहिए, तुम अपने वीडियो में यह क्या कर रहे हो। तुम्हें क्या लगता है, यूट्यूब चैनल पर तुम्हारे जितने भी फॉलोअर्स हैं, वे सब तुम्हारे अंधभक्त हैं? तुम कुछ भी कहोगे और लोग मान लेंगे। एक ढोंगी बाबा में और तुममें क्या अंतर रह गया है।

ध्रुव राठी, तुमने आतंकवाद की निंदा तक नहीं की

इस घटना पर तुम्हें जरा भी गुस्सा नहीं आया। तुमने आतंकवादियों की निंदा तक नहीं की। तुमने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अपना औपचारिक समर्थन भी नहीं दिया। मुझे उम्मीद थी कि तुम जनता को मोटिवेट करोगे, कहोगे कि आज जो परिस्थितियाँ हैं, सब कुछ भूलकर हमें एक साथ खड़ा हो जाना चाहिए, लेकिन तुम तो पता नहीं कौन-सी नौटंकी कर रहे हो। अपने वीडियो को फिर से देखो, क्या इसमें कुछ भी नया है? घटिया पॉलिटिक्स के अलावा क्या है। ऐसे समय में तुम पुलवामा हमले पर सवाल उठा रहे हो, आज की तारीख में इस सवाल की कोई तुक बनती है क्या? तुम अर्णब गोस्वामी से प्रतिस्पर्धा कर रहे हो। जिसको कोई महत्व नहीं देता उसे तुम महत्व दे रहे हो। यह समय अर्नव गोस्वामी से लड़ने का है क्या? अर्णब गोस्वामी के बयान की समीक्षा करने की कोई तुक बनती है क्या?

DHRUV RATHEE, तुम्हारे अंदर हरियाणा का DNA है या नहीं?

तुम्हारे एक-एक वाक्य पर विस्तार से प्रतिक्रिया दी जा सकती है, परंतु अभी तुम्हारा स्तर इतना भी बड़ा नहीं है कि तुम पर इतना अधिक समय खर्च किया जाए। बस इतना कहना है कि तुमसे यह उम्मीद तो बिल्कुल नहीं थी। परिवार में जब विषम स्थिति बनती है, तो किसने क्या गलती की, किसके कारण संकट आया, पिछले कितने सालों में किसने कितनी गलतियाँ कीं, यह सब कुछ नहीं देखा जाता है। तुम्हारे अंदर हरियाणा का खून है। तुम्हें तो पता होना चाहिए कि संकट के समय पूरा परिवार एकजुट हो जाता है। पहले संकट से निपटता है, बाकी सारी बातें करने के लिए पूरी जिंदगी पड़ी है। 

ध्रुव राठी, तुम्हें ब्रेनवॉश किया जा चुका है

ध्रुव राठी, आज तुम भारत के साथ नहीं हो। दुख होता है कि दुनिया में तुम्हारे जैसे भारतीय भी हैं। आज शर्म आती है कि तुम भारत के पुत्र हो। पहले लगता था कि तुममें पोटेंशियल है, तुम भारत की सामाजिक व्यवस्थाओं में कुछ बदलाव करने के योग्य हो जाओगे, लेकिन आज लगता है कि तुम्हें ब्रेनवॉश किया जा चुका है। अब तुममें कोई संभावना शेष नहीं रह गई है। ✒ उपदेश अवस्थी

विशेष नोट: यदि आपने ध्रुव राठी का वीडियो नहीं देखा है तो इस खुला-खत के साथ संलग्न है. देख सकते हैं.

अस्वीकरण: खुला-खत एक ओपन प्लेटफार्म है। यहां मध्य प्रदेश के सभी जागरूक नागरिक सरकारी नीतियों की समीक्षा करते हैं। सुझाव देते हैं एवं समस्याओं की जानकारी देते हैं। पत्र लेखक के विचार उसके निजी होते हैं। यदि आपके पास भी है कुछ ऐसा जो मध्य प्रदेश के हित में हो, तो कृपया लिख भेजिए हमारा ई-पता है:- editorbhopalsamachar@gmail.com

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