MADHYA PRADESH के 30 लाख किसानों के फायदे के लिए मुख्यमंत्री का बड़ा फैसला

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत एक बड़ा फैसला लिया है। डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम की तरह इसका कोई डायरेक्ट इंपैक्ट दिखाई नहीं देगा परंतु इस फैसले से मध्य प्रदेश के लगभग 30 लाख किसानों को अपने खेत में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी और लगभग 10 लाख लोगों को पर्याप्त पेयजल प्राप्त हो सकेगा। पहले जानिए कि मध्य प्रदेश सरकार क्या करने जा रही है और उसके बाद में हम बताएंगे कि, किसानों और ग्रामीणों को इसका किस प्रकार से फायदा होगा। 

मध्य प्रदेश के एक लाख कुओं को डगवेल विधि से रिचार्ज करने का लक्ष्य

मध्य प्रदेश सरकार ने जल गंगा संवर्धन अभियान में भूजल पुनर्भरण के लिए डगवेल रिचार्ज विधि अपनाने का निर्णय लिया है। इसमें राज्य में एक लाख कुओं को रिचार्ज करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं। यह पहल विशेष रूप से कृषकों को रबी की फसलों की सिंचाई हेतु स्थायी जल स्रोत उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध होगी।

डगवेल रिचार्ज विधि: सरल, प्रभावी और वैज्ञानिक तरीका

डगवेल रिचार्ज विधि उथले जलभृत के पुनर्भरण का एक सरल और सुलभ उपाय है। इस विधि में वर्षा जल को रिचार्ज पिट/फिल्टर के माध्यम से कुंओं में प्रवाहित किया जाता है, जिससे भूगर्भीय जल स्तर में वृद्धि होती है। यह विधि भूजल स्तर बनाए रखने में मदद करती है और लंबे समय तक पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करती है।

कुओं का चयन किस प्रकार किया जाएगा

इस योजना में उन कुओं का चयन किया जाएगा जिनमें जल स्तर 10 मीटर से अधिक है और जो बरसात के बाद दिसंबर-जनवरी तक जल युक्त रहते हैं। मनरेगा अंतर्गत निर्मित कपिलधारा कुओं को भी इस योजना में सम्मिलित किया जा सकता है, यदि उनमें पूर्व में रिचार्ज पिट का निर्माण नहीं हुआ है। रिचार्ज पिट/फिल्टर का निर्माण कुंए से 3 से 6 मीटर की दूरी पर किया जाएगा। इसके लिए विशेष संरचना बनाई जाएगी जिसमें विभिन्न आकार के पत्थरों और मोटे रेत की परतें बिछाई जाएंगी, ताकि जल शुद्धिकरण और बहाव में कोई बाधा न आए। पाइप लाइन से यह पानी सीधे कुंए में पहुंचेगा और वहां से प्राकृतिक रूप से जलस्तर को पुनर्भरित करेगा।

समाज की भागीदारी भी होगी

निजी कुओं की सफाई और रखरखाव की जिम्मेदारी संबंधित हितग्राही की होगी, वहीं सार्वजनिक कुओं की देखरेख ग्राम पंचायतें करेंगी। इससे जनभागीदारी सुनिश्चित होगी और जल संरक्षण की भावना जन-जन तक पहुंचेगी। राज्य सरकार का यह प्रयास जल संकट से जूझते ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी समाधान के रूप में उभरेगा। यह अभियान किसानों के जीवन को समृद्ध बनाने में सहायक होगा। जल पुनर्भरण भू-जल संवर्धन और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भी सहायक सिद्ध होगा। 

अब जानिए इसका क्या फायदा होगा 

मध्य प्रदेश में एक लाख कुओं को रिचार्ज करने से लगभग 30 लाख हेक्टेयर जमीन का वाटर लेवल बढ़ जाएगा अर्थात 30 लाख हेक्टेयर जमीन में जितने भी खेत और गांव आएंगे। वहां के कुआं में, हैंडपंप में, ट्यूबवेल में भरपूर पानी आ जाएगा और यह अगले कई सालों तक आता रहे। इसके कारण गर्मी के मौसम में सिंचाई और पेयजल दोनों के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो जाएगा। मध्य प्रदेश में आबादी घनत्व के हिसाब से 30 लाख हेक्टेयर जमीन में लगभग 30 लाख खेत और 10 लाख ग्रामीणों के घर बने हुए हैं। इन सारे लोगों को फायदा होगा। 

यह प्रशंसा योग्य कदम इसलिए है क्योंकि मध्य प्रदेश में ना तो यह कोई चुनावी मुद्दा होता है और ना ही इसके कारण कभी किसी सरकार को वोट मिले हैं। इसके बावजूद यदि सरकार जनहित में काम कर रही है तो उसकी प्रशंसा की जानी चाहिए और मध्य प्रदेश के नागरिकों, पत्रकारों और एक्टिविस्ट को इस योजना की निगरानी करनी चाहिए। 
 
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