MP DPI कमिश्नर शिल्पा गुप्ता को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई, अपील खारिज, प्राथमिक शिक्षक भर्ती मामला

Commissioner of Public Instruction शिल्पा गुप्ता IAS की अपील पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए उसे खारिज कर दिया है। शिल्पा गुप्ता ने यह अपील, हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश द्वारा जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट के खिलाफ लगाई थी। मामला प्राथमिक शिक्षक भर्ती का है। मध्य प्रदेश में लोक शिक्षण संचालनालय (DPI), भोपाल द्वारा School Education Department और Tribal Department के लिए संयुक्त रूप से Primary Teacher Recruitment प्रक्रिया का संचालन किया गया। DPI, भोपाल इस Teacher Recruitment प्रक्रिया के लिए नोडल एजेंसी है। 

मेरिट वालों को उनकी मर्जी के खिलाफ पोस्टिंग दी गई 

Employee Selection Board, भोपाल द्वारा परीक्षा आयोजित की गई और योग्य उम्मीदवारों की सूची DPI को प्रेषित की गई। DPI द्वारा Counseling और Posting की प्रक्रिया पूरी की जानी थी। DPI ने संयुक्त Counseling के माध्यम से Primary Teachers की नियुक्तियाँ 10 अगस्त 2024 तक पूर्ण कीं। हालांकि, हजारों की संख्या में Reserved Category के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को Unreserved Category में उनकी पसंद के अनुरूप Posting नहीं दी गई। इसके बजाय, उन्हें उनके निवास स्थान से सैकड़ों किलोमीटर दूर Tribal Department की स्कूलों में नियुक्त किया गया, जबकि कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को DPI द्वारा उनके गृह जिले में Posting दी गई। 

Legal Challenge in Madhya Pradesh High Court

इस मुद्दे को Madhya Pradesh High Court में वरिष्ठ अधिवक्ता श्री ठाकुर द्वारा सैकड़ों अभ्यर्थियों की ओर से याचिकाएँ दाखिल कर चुनौती दी गई। इन याचिकाओं की विस्तृत सुनवाई के बाद, High Court की Division Bench ने सभी याचिकाओं को स्वीकार किया और DPI Commissioner को स्पष्ट निर्देश दिए कि 23 अक्टूबर 2024 से 30 दिनों के भीतर याचिकाकर्ताओं की Posting उनकी पसंद के अनुसार DPI द्वारा संचालित स्कूलों में की जाए। यदि अभ्यर्थियों द्वारा चयनित स्कूल में पद रिक्त नहीं है, तो उनके पसंदीदा जिले के किसी अन्य स्कूल में Posting की जाए। 

Non-Compliance by DPI Commissioner

DPI Commissioner शिल्पा गुप्ता (भारतीय प्रशासनिक सेवा) द्वारा तीन महीने के भीतर कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसके परिणामस्वरूप, High Court में उनके खिलाफ कई Contempt Petitions दाखिल की गईं। नोटिस जारी होने के बावजूद, शिल्पा गुप्ता ने High Court में कोई Compliance Report प्रस्तुत नहीं की। मजबूरन, High Court ने शिल्पा गुप्ता के खिलाफ Arrest Warrant जारी करने के आदेश दिए। Arrest Warrant की तामील से बचने और Contempt कार्यवाही (24 मार्च 2025) से पहले, शिल्पा गुप्ता ने Madhya Pradesh Government के खर्चे पर Public Fund का उपयोग कर 48 घंटे के भीतर Supreme Court में कई Appeals दाखिल करवाईं।

upreme Court Ruling on DPI Appeals

इन Appeals में से एक, SLP (C) 11888/2025, की सुनवाई 25 अप्रैल 2025 को Justice Sudhanshu Dhulia और Justice K. Vinod Chandran की Bench द्वारा की गई। Bench ने Madhya Pradesh High Court के आदेशों का अवलोकन किया और पाया कि Madhya Pradesh Government, School Education Department, और DPI Commissioner द्वारा दाखिल Appeals Supreme Court के पूर्व निर्णयों, विशेष रूप से Indira Sawhney vs. Union of India में नौ जजों की Constitutional Bench द्वारा निर्धारित मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुरूप हैं। Supreme Court ने Appeals को खारिज करते हुए फटकार लगाई।

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