मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कृषि उपज मंडी में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी के लिए संबंधित सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारियों को निर्देश दिए एवं गेहूं खरीदी की लास्ट डेट भी घोषित कर दी।
मध्य प्रदेश में गेहूं किसानों की स्लॉट बुकिंग और खरीदी की लास्ट डेट
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में चल रही गेहूं उपार्जन व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गेहूं की खरीदी प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता का पालन किया जाए और किसानों को गेहूं उपार्जन का भुगतान कम से कम समय में कर दिया जाए। किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभागीय अधिकारियों से कहा कि गेहूं उपार्जन के लिए स्लॉट बुकिंग की अवधि 30 अप्रैल तक करें। इस अवधि तक बुकिंग कराने वाले सभी किसानों से गेहूं उपार्जन का समस्त कार्य 5 मई 2025 तक हर हाल में पूराकिया जाए।
सभी बारदानों में क्यूआर कोड, वेयरहाउस में सीसीटीवी लगाएंगे
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता अधिकार संरक्षण मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने बैठक में बताया कि गोदामों में खाद्यान्न स्कंध की हेरा-फेरी पर अंकुश लगाने के लिए अब खाद्य विभाग द्वारा खाद्यान्नों के सभी बारदानों (बोरों) में क्यूआर कोड लगाये जायेंगे। इसी तरह एमपी वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के अधीन सभी वेयरहाउस को भी क्यूआर कोडयुक्त किया जा रहा है। इनमें सीसीटीव्ही कैमरे भी लगवाये जाएंगे।
भोपाल में कंट्रोल कमांड सेंटर भी बनाया जा रहा है
खाद्यान्न वितरण, शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर नजर रखने एवं फूड-स्टॉकिंग के सभी कामों की मुख्यालय से निगरानी के लिए भोपाल में एक कंट्रोल कमांड सेंटर भी बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग स्वयं के 1596 गोदामों का क्रमबद्ध तरीके से आधुनिकीकरण एवं उन्नयन कर रहे हैं। सभी गोदाम में भंडारित स्टॉक एवं अन्य संसाधनों के अधिकतम रिस्क कवर के लिए नवीनतम प्रावधानों के तहत बीमा पॉलिसी भी लागू की जा रही है। मंत्री श्री राजपूत बताया कि उपार्जित स्कंध की साफ-सफाई के लिए उपार्जन केन्द्रों पर मैकेनाइज्ड क्लीनिंग मशीनों की स्थापना की गई है। स्कंध की गुणवत्ता परीक्षण के लिए ग्रेन एनालाईजर के साथ-साथ विभाग के अधीन सभी वेयर हाउसेस में संकेतक (साइनेज) भी लगाये जा रहे हैं।
बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा (मुख्यमंत्री कार्यालय), अपर मुख्य सचिव सहकारिता श्री अशोक बर्णवाल, अपर मुख्य सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता अधिकार संरक्षण श्रीमती रश्मि अरुण शमी, आयुक्त खाद्य विभाग श्री कर्मवीर शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। अधिकारियों ने विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं और व्यवस्थाओं की प्रगति से मुख्यमंत्री डॉ. यादव को अवगत कराया।
बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदेश में 29 प्रकार की पात्रता श्रेणियों में एक करोड़ 31 लाख 34 हजार परिवारों को खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। अंत्योदय परिवारों को राशन के साथ शक्कर भी दी जा रही है। पात्र हितग्राहियों की ई-केवायसी के लिए विशेष अभियान जारी है। अब तक 80.43 प्रतिशत पात्र हितग्राहियों की "ई-केवायसी" की जा चुकी है।
बताया गया कि जन पोषण केंद्र के रूप में विभाग द्वारा एक नवाचार किया जा रहा है। इसमें केन्द्र सरकार के सहयोग से पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में इंदौर जिले की 30 शासकीय उचित मूल्य दुकानों को जन पोषण केंद्र बनाया गया है। इन उचित मूल्य दुकानों द्वारा स्वयं के वित्तीय साधनों से व्यवस्था की गई है। विभाग द्वारा उज्जैन एवं सागर जिले की 15-15 दुकानों को भी जन पोषण केंद्र बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
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