आम आदमी को शायद बात समझ में नहीं आएगी परंतु राजनीति और कानून की जानकारी रखने वालों के लिए यह बड़ी खबर है। सड़क, अस्पताल, स्कूल और ट्रेफिक क्लियर करने के लिए फ्लाईओवर ब्रिज बनाना सरकार का काम है और न्याय करना कोर्ट का काम। लेकिन हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश द्वारा आज जबलपुर शहर में फ्लाईओवर ब्रिज बनाने का आदेश जारी कर दिया गया है। सिर्फ इतना ही नहीं डीपीआर बनाने के लिए सिर्फ तीन सप्ताह का समय दिया गया है।
जबलपुर के अधारताल रोड ट्रैफिक जाम पर जनहित याचिका
संक्षिप्त प्रकरण इस प्रकार है कि हाईकोर्ट के अधिवक्ता मुनीश सिंह द्वारा जनहित याचिका दायर कर लिखा गया है कि हाईकोर्ट से आधारताल रोड पर प्रतिदिन भयानक जाम की स्थिति रहती है, जिसके कारण आए दिन गंभीर दुर्घटनाएँ हो रही हैं। मरीजों को अस्पताल पहुँचने में भारी ट्रैफिक का सामना करना पड़ता है, बच्चों को स्कूल जाने में ट्रैफिक जाम के चलते असुविधा होती है, एवं नियमित रूप से वकालत का व्यवसाय कर रहे अधिवक्ताओं को हाईकोर्ट, सिविल कोर्ट, कलेक्ट्रेट, रेलवे स्टेशन आने-जाने में ट्रैफिक जाम के कारण कीमती समय बर्बाद हो जाता है तथा वे समय पर कोर्ट आदि स्थानों पर नहीं पहुँच पाते। उक्त संबंध में शासन-प्रशासन को अनेक बार लिखित में अभ्यावेदन देकर अवगत कराया जा चुका है, फिर भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है।
अनुच्छेद 226 के तहत मंडामस नामक रिट
उक्त याचिका की आज प्रारंभिक सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति श्री सुरेश कुमार कैत तथा विवेक जैन की खंडपीठ द्वारा की गई। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने पक्ष रखते हुए उपरोक्त वर्णित तथ्यों से कोर्ट को अवगत कराया और कहा कि नागरिकों को संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों के उपभोग के लिए उचित पर्यावरण निर्मित करना सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है। नागरिकों को संविधान के अनुच्छेद 19 एवं 21 में प्रदत्त अधिकारों का सुगमता पूर्वक उपभोग करने में बाधा उत्पन्न हो रही है, जिसका निदान सरकार द्वारा फ्लाईओवर बनाकर किया जा सकता है। इसे बनाने हेतु हाईकोर्ट द्वारा अनुच्छेद 226 के तहत मंडामस नामक रिट जारी करके सरकार को बाध्य किया जा सकता है।
JABALPUR NEWS - हाईकोर्ट से रद्दी चौकी तक फ्लाईओवर ब्रिज का निर्देश
सुनवाई के दौरान एडिशनल एडवोकेट जनरल भरत सिंह ठाकुर द्वारा याचिका की प्रचलनशीलता पर प्रश्न उठाते हुए घोर विरोध किया गया तथा याचिका को खर्च लगाकर खारिज करने की मांग की गई। उन्होंने कोर्ट के समक्ष यह भी कहा कि पीडब्ल्यूडी मंत्री जबलपुर का है, जिसके समक्ष जनता माँग कर सकती है। एडिशनल एडवोकेट भरत सिंह के उक्त समस्त तर्कों को हाईकोर्ट द्वारा खारिज करते हुए कहा गया कि यदि आम जन को मौलिक अधिकारों के उपभोग में बाधा उत्पन्न हो रही है, तो हाईकोर्ट, सरकार के विरुद्ध रिट जारी कर निर्देशित कर सकती है।
कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में सरकारी वकील को कहा कि तीन सप्ताह के अंदर कोर्ट को जवाब दें कि फ्लाईओवर कब तक बनकर तैयार होगा। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं राजेंद्र गुप्ता ने पक्ष रखा।
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