सरकारी नौकरी के साथ राजनीति करने वाले स्कूल शिक्षा विभाग के एक शिक्षक को जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कारण बताओ जारी किया गया है और उसके दो सैलरी इंक्रीमेंट रोक दिए गए हैं। वह एक समाज विशेष की महा पंचायत में शामिल हुआ था जहां सरकारी प्रोजेक्ट के विरोध की रणनीति बनाई गई।
शिक्षक का नाम सीताराम विश्वकर्मा, पद जन शिक्षक
मामला मध्य प्रदेश के सतना जिले का है। शिक्षक का नाम सीताराम विश्वकर्मा, पद जन शिक्षक, जन शिक्षा केंद्र हिरौंदी है। दिनांक 14 अप्रैल को बड़ा देव आश्रम सरभंगा में आदिवासी महापंचायत का आयोजन किया गया था। दिनांक 15 अप्रैल को इस कार्यक्रम का वीडियो वायरल हुआ। वायरल वीडियो में जन शिक्षक सीताराम विश्वकर्मा मंच पर घूमते हुए और व्यवस्था बनाते हुए दिखाई दे रहे हैं। आदिवासी महापंचायत कोई पॉलिटिकल पार्टी नहीं है लेकिन इस महापंचायत में पॉलिटिकल पार्टियों के कार्यकर्ता शामिल हुए थे और सरभंगा अभ्यारण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की रणनीति बनाई गई।
मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3, 5 और 8
डीईओ टीपी सिंह ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए शिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने शिक्षक को 7 दिन के भीतर जवाब देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, विभाग ने उनकी दो वेतन वृद्धियां असंचयी प्रभाव से रोकने का आदेश भी जारी कर दिया है। विभाग का कहना है कि एक सरकारी कर्मचारी का राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होना मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3, 5 और 8 का उल्लंघन है। यह उनके पदीय दायित्वों के विरुद्ध है और कदाचार की श्रेणी में आता है।
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