Sovereign Gold Bonds कैश करवाइए, 100% से ज्यादा रिटर्न मिल रहा है, पढ़िए Bhopal Samachar

भारत सरकार ने सन 2015 में जब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स जारी किए थे तो कोई भी नहीं खरीदने के लिए तैयार नहीं था। आज हालात यह है कि खरीदारों की लाइन लगी हुई है और सरकार बेचने को तैयार नहीं है। उल्टा जारी किए गए बॉन्ड समय से पहले वापस खरीद रही है। सरकार ने ऑफर दिया है कि, 34  सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स को कैश करवाया जा सकता है। कैलकुलेटर के हिसाब से 5 साल में 100% से ज्यादा रिटर्न मिल रहा है। 

कौन-कौन से Sovereign Gold Bonds काश करवाए जा सकते हैं

भारत सरकार की ओर से टोटल 34 सावरेन गोल्ड बॉन्ड पर premature redemption का ऑफर दिया जा रहा है। गोल्ड बॉन्ड का मैच्योरिटी टाइम 8 साल है। सरकार की तरफ से ऑफर दिया गया है कि 16 अक्टूबर 2017 को जारी हुए 2017-18 Series III से लेकर 8 सितंबर 2020 को जारी हुए 2020-21, Series VI तक के सभी Sovereign Gold Bonds के लिए प्रीमेच्योर रिडेंप्शन ऑफर दिया जा रहा है। अर्थात आप समय से पहले अपने गोल्ड बॉन्ड को कैश करवा सकते हैं। सरकार की ओर से इसके लिए टाइम टेबल भी जारी कर दिया गया है। इसकी अधिकृत जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा जारी की गई है एवं आपके बैंक की ब्रांच मिल जाएगी। 

Sovereign Gold Bonds क्या अभी कैश करवा लेना चाहिए

बाजार में इस समय सोने का मूल्य अपने ऑल टाइम हाई पर चल रहा है। जियो पॉलिटिकल सरकमस्टेंसस के अनुसार ऐसा भी लगता है कि भविष्य में डॉलर के प्राइस कम होने पर, आभूषण की मांग कम होने पर, उत्पादन अधिक हो जाने पर और क्रिप्टोकरंसी में निवेशकों की रुचि बढ़ जाने पर, सोने के मूल्य में भारी गिरावट आ सकती है। ऐसी स्थिति में सवाल उठता है कि क्या सरकार का ऑफर स्वीकार कर लेना चाहिए। Sovereign Gold Bonds इसी समय कैश करवा लेना चाहिए। ऐसे विषय में अंतिम फैसला हमेशा निवेदक का होता है परंतु वह कई लोगों से परामर्श लेते हैं और विशेषज्ञों की ओर से परामर्श जारी किए जाते हैं। 

Jiraaf के Co-Founder सौरव घोष के अनुसार, निवेशकों को gold price में भविष्य की वृद्धि और अन्य investment options से जुड़ी uncertainty पर विचार करना चाहिए। यह बॉन्ड्स sovereign-backed हैं और gold price के अलावा 2.5 प्रतिशत अतिरिक्त yield प्रदान करते हैं। हालांकि gold के भविष्य का अनुमान लगाना मुश्किल है परंतु जब भी माहौल अनिश्चित होता है, सोने की कीमत हमेशा बढ़ जाती है। SGBs एक बहुत आकर्षक risk-reward ratio प्रदर्शित करते हैं। कुल मिलाकर घोष बाबू के अनुसार अपने गोल्ड बॉन्ड को आखरी तक सुरक्षित रखना चाहिए।

Anand Rathi Wealth की Head - Mutual Funds श्वेता रजनी भी सुझाव देती हैं कि हाल के gold prices में वृद्धि के बावजूद, निवेशकों को SGBs को maturity तक hold करना चाहिए। निवेशक 2.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज (अर्ध-वार्षिक रूप से भुगतान) अर्जित करते रहेंगे, जिससे investment में फिक्स्ड fixed income और gold price appreciation का लाभ मिलता रहेगा,” रजनी ने कहा।

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