भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की गिरावट कर दी है। इसी के साथ 6% हो गया है। इसके कारण होम लोन सहित सभी प्रकार के बैंक लोन और फिक्स डिपाजिट पर ब्याज की दर तो कम होगी ही, लेकिन इसका सबसे बड़ा असर GLOBAL TRADE WAR में दिखाई देगा। जब कई दरख्त टूट कर गिर जाएंगे तब भारत सीना ताने खड़े रहेगा। यह एक ऐसा विषय है जो भारत के आम आदमी के बजट को और उसकी लाइफ को प्रभावित करता है परंतु इसके शब्द ऐसे होते हैं कि लोगों को समझ में नहीं आता। इसलिए हम आपको सरल शब्दों में समझाने की कोशिश करते हैं। चलिए:-
BANK LOAN पर ब्याज दर कम हो जाएगी
- इसका सबसे पहला असर बैंक लोन पर दिखाई देगा। ब्याज दर कम हो जाएगी। ब्याज दरों में कटौती सभी प्रकार के लोन पर दिखाई देगी। उदाहरण के लिए:-
- यदि आप 20 साल के लिए 50 लाख रुपए का होम लोन लेते हैं तो आपको 1 साल में करीब ₹11,268 की बचत होगी।
- यदि आप 5 साल के लिए 10 लाख रुपए कार लोन लेते हैं तो आपके पूरे लोन पर लगभग ₹7,260 का फायदा होगा।
- इसी प्रकार आपके गोल्ड लोन, पर्सनल लोन और दुकानदारों के ओवरड्राफ्ट इत्यादि पर थोड़ा सा फायदा होता हुआ दिखाई देगा।
BANK FD पर ब्याज दर कम हो जाएगी
जहां एक और बैंक लोन की ब्याज दर कम होगी वहीं दूसरी ओर FIXED DEPOSIT पर भी ब्याज दर कम हो जाएगी। ब्याज दरों में 0.25 से लेकर 0.50% तक की कटौती देखी जा सकती है। भारतीय स्टेट बैंक में तो पहले ही कर दी है। अब वह सभी फिक्स डिपॉजिट स्कीम बंद हो जाएंगी। जिसमें एक निर्धारित समय अवधि के लिए जमा करने पर सबसे ज्यादा ब्याज मिलता था।
शेयर मार्केट में हरियाली आएगी
RBI कि इस फैसले का सबसे बड़ा असर शेयर बाजार पर दिखाई देगा। आने वाले कुछ महीनो में भारत के शेयर बाजार में जबरदस्त हरियाली दिखाई देगी। बैंक लोन पर ब्याज दर कम हो जाने के कारण एक तरफ लोग अधिक मात्रा में खरीदारी करेंगे अर्थात कंपनियों की बिक्री बढ़ जाएगी और दूसरी तरफ ब्याज दर कम हो जाने के कारण प्राइवेट कंपनियों का प्रॉफिट बढ़ जाएगा। इसका सीधा फायदा शेयर होल्डर्स को मिलेगा। बैंकिंग, रियल एस्टेट (DLF, Godrej Properties), और ऑटो (Maruti, Tata Motors) जैसे सेक्टरों को सबसे ज्यादा फायदा होगा।
TRUMP के टैरिफ का जवाब
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया की कई देशों के लिए बढ़ा टैरिफ दिया। चीन के साथ तो लड़ाई भी शुरू हो गई है। बाकी कई देशों के साथ धमकी और चेतावनी का दौर चल रहा है। भारत इस झगड़े में नहीं पड़ा। भारत ने अमेरिका से मिलने वाले नुकसान को दूसरी जगह से भरने की तैयारी कर ली है। अमेरिका निर्यात नहीं कर पाएंगे तो दूसरी जगह निर्यात बढ़ाएंगे। डिस्काउंट में बड़ा दम है। सरकार ने बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों को ब्याज दर में डिस्काउंट दे दिया। इसलिए कंपनियों को, विदेशी ग्राहकों को डिस्काउंट देने में दिक्कत नहीं होगी।
ट्रंप के टैरिफ के कारण दुनिया भर के बाजारों में बड़ी रकम इन्वेस्टमेंट करने वाले पूंजीपति अमेरिका के बाजार से अपना पैसा वापस निकल रहे हैं। यहां भारत में झंडा लहरा दिया है। हमारे यहां शेयर मार्केट उठने वाला है। स्वाभाविक है कि विदेशी इन्वेस्टमेंट आ जाएगा।
अमेरिका में प्रोडक्ट सप्लाई करने वाली कंपनियों की भारत और दूसरे देशों में बिक्री बढ़ जाएगी। एक चौथाई पैसा प्रॉफिट भी बढ़ जाएगा। अमेरिका में डिमांड के काम होने से जो नुकसान होगा उसकी भरपाई यहां से हो जाएगी। कुल मिलाकर भारत ग्लोबल लीडर बनने वाला है। टीम इंडिया में केवल नेशनल सिक्योरिटी के लिए ही अजीत डोभाल नहीं है बल्कि हर प्रकार की सिचुएशन को कंट्रोल करने के लिए पीएम मोदी की टीम में कम से कम एक डोभाल मौजूद है।
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